नीन्द नहीं आती

नीन्द नहीं आती है सारी रात उलझे सवालों में 

रात सारी गुज़रती है इन हिसाबों में,

उसे मोहब्बत थी? नहीं थी? है? नहीं है? ( oxygenchinu)
   
                             Kumar vikas 

 

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